भगवान शिव के कई नाम हैं। उन्हें अक्सर भोलेनाथ ’के रूप में संदर्भित किया जाता है, जिसे सरलता (भोले) के भगवान (नाथ) के रूप में अनुवादित किया जाता है । हिंदी में भोले शब्द का अर्थ है सरल और निर्दोष। उन्हें खुश करना आसान है और वह बिना किसी जटिल अनुष्ठान के अपने भक्तों पर अपना आशीर्वाद दिखाते हैं। वह सरल पूजा, पानी के कलश और बेल के पत्तों से आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं। यह महान तपस्वी विनाश के भी देवता हैं और इसलिए कई लोग उनसे डरते हैं। भोलेनाथ वही है जो कब्रिस्तानों में भटकते है, उनके शरीर राख के धब्बा के साथ रंगा हुवा है और उनका साथ देने के लिए भूत है। वह बिना किसी अहंकार के बच्चे जैसे है।
भगवान शिव एक तपस्वी हैं जो ध्यान का आनंद लेते हैं और धन से रहित हैं और उन्होंने अपनी पूरी संपत्ति अपनी पत्नी पार्वती को भी दी है, जिन्हें प्राकृती भी कहा जाता है। ऋषि-मुनि और योगी भगवान शिव को एक पिता के रूप में मानते हैं और उन्हें ‘बाबा’ कहते हैं। उनकी भेद्यता, मासूमियत और दान भाव को ध्यान में रखते हुए उन्हें ‘भोलेनाथ’ के नाम से जाना जाता है।
जो अच्छी तरह से उनका जप करेगा वो उन्हे प्यार करते है । भोले, उन लोगों को वरदान देते है जो उन्के लिए तपस्या करते हैं। जो उनको वरदान माग्ते है, बिना दोबार सोच्ते हुए वो वरदान देते है । उदाहरण के लिए भस्मासुर को लें और आप जानते हैं कि वरदान दिए जाने के बाद क्या हुआ था। तो यह शिव की बहुत अच्छी बात हैं कि किसी को भी वरदान देने के लिए वो कोई झिझक नही कर् ते हेै जो उनको भोला का उपनाम देता हैं।